Wednesday, 10 April 2019

विश्व शांति के लिए भगवद् गीता !


Inauguration ceremony of Shrimad Bhagwad Gita Dnyan Bhavan, MIT Pune.
हिंदू,‌ मुस्लिम, सिख, ईसाई, यहूदी, बौद्ध जैसे कई धर्मों के गुरुओं ने मिलकर विशेष तौर पर आयोजित पवित्र यज्ञ में हिस्सा लिया और पुणे के विश्वराजबाग के एमआईटी कैम्पस में स्थित दुनिया के सबसे बड़े डोम में श्रीमद भगवद् गीता ध्यान भवन का उद्घाटन किया ।

पुणे के विश्वराजबाग में एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सटी, एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी कैम्पस और विश्व का सबसे बड़ा डोम - संत श्री ज्ञानेश्वर विश्व शांति प्रार्थना हॉल है। इसी विश्वराजबाग में एक और इतिहास बनते देखा गया। यहां श्रीमद भगवद् गीता ध्यान भवन के उद्घाटन के साथ ही एक बार फिर से विश्व शांति, आध्यात्मिकता और विज्ञान का अनोखा संगम हुआ। ग़ौरतलब है कि इसका उद्घाटन दुनिया के जाने-माने वैज्ञानिक, पद्म विभूषण और महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से नवाज़े जा चुके डॉ. विजय पी.भाटकर ने किया, जो भारत की ओर से की गई राष्ट्रीय पहल सुपर कम्प्युटिंग के पुरोधा भी हैं। 


इसकी नींव कालजयी भारतीय परंपरा एकम् सत् विप्र बहुदा वेदांती पर रखी गई है जिसका मतलब है कि सत्य सिर्फ़ एक है, लेकिन गुणीजन इसे भिन्न नामों से जानते हैं। इस यज्ञ में मानव जाति की एकात्मकता और शांति के लिए हिंदू,‌ मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, यहूदी और अन्य धर्मों के गुरू ने हिस्सा लिया। 

Pandit Vasantrao Gadgil at the inauguration ceremony of
 Shrimad Bhagwad Gita Dnyan Bhavan, MIT Pune.
इस ख़ास‌ मौके पर पद्म विभूषण डॉ. के.एच. संचेती, जाने-माने ऑर्थोपेडिक आरिफ़ मोहम्मद खान, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. फ़िरोज़ बख़्त अहमद, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद उर्दू यूनिवर्सिटी (हैदराबाद) के चांसलर डॉ. बुधाजीराव मुलिक, जाने-माने कृषि विशेषज्ञ कलम किशोर कदम, महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दिलीप देशमुख, पुणे के ज्वाइंट चैरिटी कमिश्नर विट्ठलराव जाधव, पूर्व सांसद और जाने-माने शिक्षाविद् श्रीपाल सबनीस, मराठी साहित्य सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष और शिक्षाविद् प्रतापराव बोराडे ने अपनी मौजूदगी से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

इस कार्यक्रम में ख़ास मेहमान के रूप‌‌ में एच.एच. श्रीकृष्णा कर्वे गुरुजी, पंडित वसंतराव गाडगिल, स्पाइसर यूनिवर्सिटी के डॉ. संजीव अरसुड, भांटे नागा घोष, ज्ञानी अमरजीत सिंह, डॉ. आर.एन. शुक्ला, रामेश्वर शास्त्रीडॉ. मेहर मास्टर मूस, डॉ. इसाक मालेकर जैसे गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। 

Dr. Vishwanath D. Karad and Dr. Shripal Sabnis
 at the inauguration ceremony
of Shrimad Bhagwad Gita Dnyan Bhavan, MIT Pune
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उच्च शिक्षाविद, यूनेस्को के सदस्य और वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष विश्वनाथ डी. कराड ने कहा, "19वीं सदी‌ में स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि 21वीं सदी में भारत दुनिया भर में  विज्ञान का प्रमुख केंद्र कहलाएगा और शांति, आनंद का मार्ग दिखाते हुए भारत की पहचान विश्व गुरू के रूप में होगी। ऐसे में श्रीमद भगवद् गीता ध्यान भवन लोगों को एकत्रित लाकर विवेकानंद के स्वप्न‌ को साकार करने का एक अनोखा प्रयास है।"

डॉ. विजय पी. भाटकर ने इस पर विस्तार से बात करते हुए कहा, "श्रीमद भगवद् गीता ध्यान भवन धार्मिक शास्त्रों में बताए गए अमर सत्य का भी प्रतीक है। ये ऐसे शास्त्र हैं जो सिर्फ़ जीवन का ही मार्गदर्शन नहीं करते हैं, बल्कि जो विभिन्न धर्मों के रीति-रिवाज़ों के बारे में भी जानकारी प्रदान करते हैं।" बता दें कि डॉ. भाटकर आजकल भारत के लिए एक्सास्केल सुपर कम्प्युटिंग मिशन के विकास में व्यस्त है।

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